मदीना मदीना
अजब रंग पर है बहारे मदीना
के सब जन्नते है निसारे मदीना
सरकार का मदीना (2)
मैं पहले पहल जब मदीने गया था
तो थी दिल की हालत तड़प जाने वाली
वो दरबार सचमुच मेरे सामने था
अभी तक तसव्वूर था जिसका खयाली
मैं एक हाथ से दिल संभाले हुए था
तो थी दूसरे हाथ में उनकी जाली
दुआ के लिए हाथ उठते तो कैसे
न ये हाथ खाली न वो हाथ खाली
खुला है सभी के लिए बाबे रेहमत
वहां कोई रुतबे में अदना न आली
मुरादों से दामन नहीं कोई खाली
कतारे लगाए खड़े हैं सवाली
मदीना मदीना हमारा मदीना
हमें जानो दिल से है प्यारा मदीना
सुहाना सुहाना दिलारा मदीना
हर आशिक की आंखों का तारा मदीना
पहाड़ों पे भी हुस्न कांटे भी दिलकश
है कुदरत ने कैसा संवारा मदीना
खुदा गर कयामत मे फरमाए मांगो
लगाऐं गे दीवाने नारा मदीना
रगे गुल की जब नाज़ की देखता हूं
मुझे याद आते है खारे मदीना
मुबारक रहे अंदलीबो तुम्हें गुल
हमें गुल से बेहतर है खारे मदीना
रहे उनके जल्वे बसे उनके जल्वे
मेरा दिल बने यादगार ए मदीना
मुरादे दिले बुलबुले बे नवादे
खुदाया दिखा दे बहारे मदीना