कुछ ऐसा करदे मेरे किरदगार आंखों में

कुछ ऐसा करदे मेरे किरदगार आंखों में
हमेशा नक्स रहे रुए यार आंखों में

उन्हें ना देखा तो किस काम की है ये आंखें
की देखने की है सारी बाहर आंखों में

नजर में कैसे समाएगे फूल जन्नत के
कि बस चुके हैं मदीने के खार आंखों में

वो नूर दे मेरे परवरदिगार आंखों में
की जलवागर रहे रुख की बहार आंखों में

तुम्हारे कदमों पे मोती निशार होने को
है बेशुमार मेरी अश्क बार आंखों में

करम ये मुझ पे किया है मेरे तसव्वुर ने
कि आज खींच दी तस्वीरें यार आंखों में

फरिश्तों पूछते हो मुझसे किसकी उम्मत हो
लो देख लो यह है तस्वीरें यार आंखों में

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