अपने दामाने शफाअत में छुपाए रखना
मेरे सरकार मेरी बात बनाए रखना
मैंने माना के निकम्मा हु मगर आपका हु
मुझ निकम्मे को भी सरकार निभाए रखना
किसी मन सबका तलबगार ना दुनिया का
खाक हूं मैं मुझे कदमों से लगाए रखना
आपकी याद से आबाद है दिल मेरा हुजूर
बंदा परवर मेरी हस्ती को बसाए रखना
आप याद आए तो फिर याद न आए कोई
गैर की याद मेरे दिल से भुलाए रखना
शायद इसी राह से खालिद मेरे आका गुजरे
अपनी पलकों को सरेराह बिछाए रखना