अफ़ज़ल है कुल जहाँ में घराना हुसैन का

अफ़ज़ल है कुल जहाँ में घराना हुसैन का
नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का

शेर-ए-ख़ुदा के शेर हैं शब्बीर देखिए
कैसी चला रहे हैं वो शमशीर देखिए
हैदर का है निशाना, निशाना हुसैन का
नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का

होश उड़ गए हैं देख के सारे जहान के
आँसू निकल पड़े हैं कभी आसमान के
अकबर को घोड़े पर वो चढ़ाना हुसैन का
नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का

दौलत पे मरने वाले यज़ीदी को क्या ख़बर
शब्बीर कर्बला में अगर मार दें ठोकर
हो सारे कर्बला में ख़ज़ाना हुसैन का
नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का

ज़ैनब भी साथ में है, सकीना भी साथ में
चर्चे हैं जिन की ज़ात के कुल काइनात में
कर्ब-ओ-बला में सब है घराना हुसैन का
नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का

फ़ौज-ए-यज़ीदियत का नशा ही उतर गया
मंज़र ये देख देख के लश्कर बिखर गया
‘अब्बास का ‘अलम वो उठाना हुसैन का
नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का

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