उनका मंगता हे जो मंगता नही होने देते
ये हवाए मुजे रुस्वा नही होने देते
मेरे हर ऐब की करते हे वो परदा पोशी
मेरे जुरमो को तमाशा नही होने देते
बात करता हु तो आती हे महेक तैबा की
मेरे लेहझे को वो मैला नही होने देते
अपने मंगतो की वो फेहरिस्त मे रखते हे मुजे
मुजको मोहताज कीसी का नही होने देते
हे ये इमान के आयेगे लहद मे मेरी
अपने मंगतो को वो तनहा नही होने देते
लोग मुश्किल मे ज़माने की तरफ देखते हे
हम मुहंमद के घराने की तरफ देखते है
आसमानो पे हुकुमत हे मेरे आका की
चांद सुरज तेरी उंगली की तरफ देखते है
जो भी मिलाद सजाता हे मेरे आका का
आका रोज़े से उसी घर की तरफ देखते है
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