किस लब पे क्या दुआ है सरकार जानते हैं
किस के दिलों में क्या है सरकार जानते हैं
मुर्दा है या के जिंदा बच्ची है या के बच्चा
पुख्ता है या के कच्चा और किसका है ये नुत्फा
किसको भला खबर है मजबूर हर बशर है
मां के शिकम में क्या है सरकार जानते हैं
शाखे खजूर लेकर कबरों पे डालते हैं
मय्यत की हर सजा को पल भर में टालते हैं
मुर्दा है किस जगह का इसका है माजरा क्या
क़बरों का हाल क्या है सरकार जानते हैं
मेअ्राज का सफर है सरकार जा रहे हैं
और ला मका पहुंचकर तशरीफ ला रहे हैं
मेअ्राज है हकीकत ईमान है ये वरना
पर्दे में क्या रखा है सरकार जानते हैं
शीशे के घर में रहकर पत्थर उछाल ते हैं
उश्शाके मुस्तफा तो तकदीर टालते हैं
हामिर रब है खालिक पर मुस्तफा है मालिक
किस्मत में क्या लिखा है सरकार जानते हैं
सिदरा पे लेके पहुंचे जिब्रील साथ छोड़े
मुझको न कुछ पता है कहते हैं हाथ जोड़े
आगे हुजूर जाए यह मेरी इंतेहा है
सिदरा से आगे क्या है सरकार जानते हैं
मेरे गौस जानते हैं ….
आया जो बन के रहेज़न रहबर बना रहे हैं
बारा बरस की डूबी कश्ती तिरा रहे हैं
ठोकर से अपनी देखो मुर्दे जिला रहे हैं
दुनिया का हाल क्या है मेरे गौस जानते है