क्यु कर न मेरे दिल में हो उल्फत रसूल की
जन्नत में ले के जाएगी चाहत रसूल की
चलता हु मै भी काफिले वालो रुको ज़रा
मिलने दो बस मुझे भी इजाज़त रसूल की
पूछे जो दीनो ईमान नकीरेंन क़ब्र में
उस वक़्त मेरे लैब पे हो मिदहत रसूल की
तड़पा के उनके क़दमो में मुझ को गिरा दे शौक
जिस वक़्त हो लहद में ज़ियारत रसूल की
सरकार ने बुला के मदीना दिखा दिया
होगी मुझे नसीब शफ़ाअत रसूल की
या रब दिखा दे आज की शब् जलवाये हबीब
इक बार तो अता हो ज़ियारत रसूल की
दामन में उनके लेलो पनाह आज नजदियो
मेहंगी पड़ेगी वरना अदावत रसूल की
तू है गुलाम उनका उबैद रज़ा तेरे
मेहशर में होगी साथ हिमायत रसूल की