तू शम्मे रिसालत है , आलम तेरा परवाना

तू शम्मे रिसालत है , आलम तेरा परवाना
तू माहे नबूवत है , अये जलवाए जानाना

खाते है तेरे दर का , पीते है तेरे दर का
पानी है तेरा पानी , दाना है तेरा दाना

सर शाह हमें करदे , एक जामे लबा लैब से
ता हश्र रहे साक़ी , आबाद येह मैखाना

दिल अपना चमक उठे , ईमान की तल अत से
कर आंखे भी नूरानी , अये जलवाए जानाना

हर फूल में बू तेरी , हर शम्मा में ज़ौ तेरी
बुलबुल है तेरा बुलबुल , परवाना है परवाना

गिर पड़ के यहाँ पोहचा , मर मर के इसे पाया
छूटे न इलाही अब , संगे दरे जानना

संगे दरे जाना पर , करता हु जबी साईं
सजदा न समाज नजदी , सर दे ता हु नज़राना

सरकार के जलवो से , रौशन है दिले नूरी
ता हश्र रहे रौशन , नूरी का येह कशाना

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