बहारे जा फिजा तुम हो नसीमें दिल सीता तुम हो
बहारे बागे बागे रिज़वा तुम से हे ज़ेदे जीना तुम हो
हकीकत से तुम्हारे जुज़ खुदा और कौन वाकिफ है
कहे तो क्या कहे कोई चुनी तुम हो चुना तुम हो
खुदा की सल्तनत का दो जहां में कौन दूल्हा है
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो यहां तुम हो वहां तुम हो
हमें उम्मीद है रोज़े कयामत उनकी रहमत से
के फरमाए इधर आओ ना मायूसज़ जीना तुम हो
सितम कारो सियाह कारो खता कारो जफा करो
हमारे दामने रहमत में आजाओ कहा तुम हो
तुम्हारे होते साते दर्द दुख किससे कहूं प्यारे
शफीऐ आसीया तुम हो वकील ए मुजरिमा तुम हो
रियाज़त के यही दिन है बुढ़ापे में कहा हिम्मत
जो कुछ करना है अभी कर लो अभी नूरी जवाब तुम हो
फकत निस्बत का जैसे हु हकीकी नूरी हो जाओ
मुझे जो देखे केह उठ्ठे मियां नूरी मियां तुम हो