वही रब है जिसने तुजको हमतन करम बनाया
हमें भीख मांगने को तेरा आस्तां बताया
तुझे हम्द है खुदाया ( २ )
तुम्ही हाकीमे बराया तुम्ही क़ासीमे अताया
तुम्ही दाफए बलाया तुम्ही शाफए खताया
कोई तुमसा कौन आया तुझे हम्द है खुदाया
वोह कुँवारी पाक मरयम वोह नफ़ख़तो फीहे कादम
हैं अजब निशाने आज़म मगर आमिना का जाया
वोही सबसे अफ़ज़ल आया तुझे हम्द है खुदाया
यही बोले सिदरा वाले चमने जहाँ के थाले
सभी मैंने छान डाले तेरे पाए का न पाया
तुझे यक ने यक बनाया तुझे हम्द है खुदाया
अरे ए खुदा के बन्दों कोई मेरे दिल को ढूंढो
मेरे पास था अभी तो अभी क्या हुआ खुदाया
न कोई गया न आया तुझे हम्द है खुदाया
हमें ए रज़ा तेरे दिल का पता चला बा मुश्किल
दरे रोज़े के मुक़ाबिल वो हमें नज़र तो आया
ये न पूछो कैसा पाया तुझे हम्द है खुदाया