सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी Naat lyrics

 

सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी Naat lyrics

 

 

सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी

जब दर-ए-नबी पर हम सब की हाज़री होगी

 

आरज़ू है सीने में घर बानर मदीने में

हो करम जो बन्दे पर बाँदा परवरी होगी

 

सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी

जब दर-ए-नबी पर हम सब की हाज़री होगी

 

बात क्या है ! बाद-ए-सबा इतनी क्या मु’अत्तर है

सब्ज़ सब्ज़ गुम्बद को चूम कर चली होगी

 

सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी

जब दर-ए-नबी पर हम सब की हाज़री होगी

 

सौ खुलेंगे उस के लिए रहमतों के दरवाज़े

ना’त-ए-मुस्तफ़ा जिसने एक भी सुनी होगी

 

सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी

जब दर-ए-नबी पर हम सब की हाज़री होगी

 

देख तो, नियाज़ी ! ज़रा, सो गया क्या दीवाना

उन की याद में शायद आँख लग गई होगी

 

सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी

जब दर-ए-नबी पर हम सब की हाज़री होगी

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