केहती है ये फूलों की रिदा अल्लाहु अल्लाह
अश्जार के पत्तो ने कहा अल्लाहु अल्लाह
बादल ने आसमा पे लिखा अल्लाहु अल्लाह
परबत की कतरो की रिदा अल्लाहु अल्लाह
हो सूरह ए यासीन के हो सूरह ए रहमान
कुरान के लफ़्ज़ों की सदा अल्लाहु अल्लाह
करता है सना तेरी बरसता हुआ पानी
दरिया भी है मसरूफ ए सना अल्लाहु अल्लाह
खुशबु किरण धनक और कह कशा
ज़ाकिर है तेरे अरजो समां अल्लाहु अल्लाह
शबनम गिरी जो फूलों पे पढ़ती हुई सना
बुल बुल ने देख कर ये कहा अल्लाहु अल्लाह
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