हुजूर मेरी तो सारी बहार आप से है

हुजूर मेरी तो सारी बहार आप से है
मैं बे करार था मेरा करार आप से है

कहां वो अर्जे मदीना कहा मेरी हस्ती
यह हाजरी का सबब बार-बार आपसे है

मेरी तो हंसती क्या है मेरे गरीब नवाज
जो मिल रहा है मुझे सारा प्यार आपसे है

सियाह कार हू आका बड़ी नदामत है
कसम खुदा की यह मेरा वकार आपसे है

मोहब्बतों का सिला कौन ऐसे देता है
सुनहरी जालियों में यारेगार आपसे है

यह लफ्ज़ नात के जितने हैं आप देते हैं
यह नात गोई में मेरा शुमार आपसे

हुजूर आपकी यादों में अश्क रहमत है
ये आंख तेरी जिया अश्क बार आपसे है

हे ज़िक्र आपका ऐसा के आंआ भर आए
ये आंख तेरी जिया अश्क बार आपसे है

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