दिल जो बना मेरा चिश्ती हरम
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
आप का रोज़ा कितना आली
आप के दर की शान निराली
रोज़ा तुम्हारा है बाग़-ए-इरम
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
जो भी दर पे आए तुम्हारे
ख़ाली झोली भर कर जाए
कितना सख़ी देखो मेरा सनम
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
मौला अली की आँख के तारे
ग़ौस-ए-आज़म के हैं दुलारे
तुम पे फ़िदा आक़ा ! अरब-ओ-अजम
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
नाज़ करे अशरफ़ का दीवाना
पाया है कितना पाक घराना
ये तो हमारा है दीन-ओ-धरम
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
शान से कहता है ये निज़ामी
पाई है तेरे दर की ग़ुलामी
तेरी ग़ुलामी है रब का करम
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे
अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे