Rab Mujh Ko Bulaaega, Main Kaabe Ko Dekhunga Naat Lyrics

Rab Mujh Ko Bulaaega, Main Kaabe Ko Dekhunga Naat Lyrics

रब मुझ को बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा / Rab Mujh Ko Bulaaega, Main Kaabe Ko Dekhunga (All Versions)
तेरे हरम की क्या बात, मौला ! तेरे करम की क्या बात, मौला !
ता-उम्र कर दे आना मुक़द्दर, अल्लाहु अकबर ! अल्लाहु अकबर !

रब मुझ को बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा
वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

रमज़ान मुबारक में वो सामने का’बे के
इफ़्तार कराएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

रब मुझ को बुलाएगा

तेरे हरम की क्या बात, मौला ! तेरे करम की क्या बात, मौला !

मायूस नहीं हूँ मैं अल्लाह की रहमत से
वो हज पे बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

रब मुझ को बुलाएगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

का’बे पे पड़ी जब पहली नज़र, क्या चीज़ है दुनिया भूल गया
यूँ होश-ओ-ख़िरद मफ़लूज हुए, दिल ज़ौक़-ए-तमाशा भूल गया

पहुँचा जो हरम की चौखट पर, इक अब्र-ए-करम ने घेर लिया
बाक़ी न रहा फिर होश मुझे, क्या माँगा क्या-क्या भूल गया

जब पहली नज़र मेरी उस का’बे पे जाएगी
दिल झूम सा जाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

रब मुझ को बुलाएगा

तेरे हरम की क्या बात, मौला ! तेरे करम की क्या बात, मौला !

इन साँसों के रुकने से और मौत के आने से
वो पहले बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

रब मुझ को बुलाएगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

मैं का’बे की चादर को हाथों से पकड़ लूँगा
दिल मेरा भर आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

रब मुझ को बुलाएगा

तेरे हरम की क्या बात, मौला ! तेरे करम की क्या बात, मौला !

बे-ताबी-ए-हाल-ए-दिल परवाने से मत पूछो
जब लम्हा वो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

रब मुझ को बुलाएगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

तेरे हरम की क्या बात, मौला ! तेरे करम की क्या बात, मौला !

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का’बे की रौनक़, का’बे का मंज़र, देखूँ तो देखे जाऊँ बराबर

रब मुझ को बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा
वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

एहराम की हालत हो और तवाफ़ के फेरे हो
ज़मज़म भी पिलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

हर साल तलब फ़रमा मुझ को, हर साल वो शहर दिखा मुझ को
हर साल करूँ मैं तवाफ़-ए-हरम, अल्लाह ! करम, अल्लाह ! करम

पहुँचूँगा हरम में तो लब्बैक कहूँगा मैं
दिल वज्द में आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

माँगी है दुआ रब से, रहमत की छमा-छम वो
बारिश बरसाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

ग़ुर्बत की ये दीवारें गिर जाएँगी सब इक दिन
जब ख़ुद वो बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

बरसों से ये ख़्वाहिश है इफ़्तार हरम में हो
रमज़ाँ में बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

हर साल दिखाता है लाखों को हरम अपना
मुझ को भी बुलाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

परवाने ! सफ़र होगा हरमैन-ए-मुक़द्दस का
दिल झूम के गाएगा, मैं का’बे को देखूँगा

वो दिन भी तो आएगा, मैं का’बे को देखूँगा

अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !

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