मेरी झोली में रहते हैं सदा टुकडे मोहम्मद के
मेरी झोली में रहते हैं सदा टुकडे मोहम्मद के अजल से खा रहा है यह गदा टुकड़े मोहम्मद के मुझे है क्या पड़ी शाहों के दर से जाके मैं मांगू खिलाता है मुझे मेरा खुदा टुकड़े मोहम्मद के इन्हें खाकर अबू बकरो उमर उस्मान बनते हैं यह रूत्बे मे है कुछ ऐसे जुदा टुकड़े मोहम्मद … Read more