अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु
अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु ये जमी जब न थी , ये जहा जब न था चाँद सूरज न थे , आसमा जब न था राजे हक़ भी किसी पर अया जब न था तब न था कुछ यहाँ … था मगर तू ही तू पोहचे मेअराज में अर्श तक मुस्तफा तब न मअबूद बन्दे में … Read more