कोई सलीका है आरजू का

कोई सलीका है आरजू का ना बंदगी मेरी बंदगी है ये सब तुम्हारा करम है आक़ा के बात अबतक बानी हुई है किसी का एहसान क्यों उठाये किसी को हालात क्यों बताये तुम्ही से मांगे गे तुम ही दो गे तुम्हारे दर से ही लौ लगी है अता किया मुझको दर्दे उल्फत कहा थी ये … Read more

कोई सलीका है आरजू का

कोई सलीका है आरजू का ना बंदगी मेरी बंदगी है ये सब तुम्हारा करम है आक़ा के बात अबतक बानी हुई है किसी का एहसान क्यों उठाये किसी को हालात क्यों बताये तुम्ही से मांगे गे तुम ही दो गे तुम्हारे दर से ही लौ लगी है अता किया मुझको दर्दे उल्फत कहा थी ये … Read more