दाग़े फुरक़ते तैयबा क़ल्ब मुज़ मईल जाता

दाग़े फुरक़ते तैयबा क़ल्ब मुज़ मईल जाता काश गुम्बदे खज़रा देखने को मिला जाता मेरा दम निकल जाता उन्के आस्ताने पर अनके आस्ताने की खाक में मैं मिल जाता मेरे दिल से धुल जाता दागे फुरकते तैयबा तैबा मैं फना हो कर तैबा मैं ही मिल जाता मौत लेके आ जाती ज़िंदगी मदीने में मौत … Read more