नाते सरकार की पड़ता हु मैं

नाते सरकार की पड़ता हु मैं बस इसी बात से घर में मेरे रहमत होगी इक तेरा नाम वसीला है मेरा रंजो गम में भी इसी नाम से रहत होगी ये सुना है के बोहोत घोर अँधेरी होगी क़बर का खोल्फ ना रखना ये दिल वहा सरकार के चेहरे की ज़ियारत होगी उनको मुख़्तार बनाया … Read more