बलगल उला बे कमालेही

बलगल उला बे कमालेही क-स-फददुजाबे जमालेही, हसनत जमी-उल-खिसालेही सल्लू अलयहे व आलेही वो कमाले हुस्न-ए-हुजूर है, के गुमाँने नक्श जहाँ नहीं, यही फूल खार से दूर है, यही शम्मा है के धूवा नहीं। सल्लू अलयहे व आलेही …… मै निशार तेरे कलाम पार, मिली यू तो किसको जुबा नहि, वो सुखन है, जिसमे सुखन न … Read more