अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे

दिल जो बना मेरा चिश्ती हरम अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे   आप का रोज़ा कितना आली आप के दर की शान निराली रोज़ा तुम्हारा है बाग़-ए-इरम   अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे अशरफ़ का करम है मुझ पे मेरे   जो भी दर पे आए तुम्हारे ख़ाली झोली भर कर … Read more