बे खुद किये देते है , अंदाज़े हिजाबाना

बे खुद किये देते है , अंदाज़े हिजाबाना आ दिल में तुझे रखलू , ऐ जलवा ए जानाना क्यों आँख मिलाई थी , क्यों आग लगाई थी अब रुख को छुपा बैठे , करके मुझे दीवाना जी चाहता है तौहफे मैं , भेजू मैं उन्हें आँखे के दर्शन का तो दर्शन हो , नज़राने का … Read more