एक मैं ही नहीं उन पर कुर्बान जमाना है

एक मैं ही नहीं उन पर कुर्बान जमाना है जो रब्बे दो आलम का महबूब यगाना है कल पुल से हमें जिसने खुद पार लगाना है जहरा के वो बाबा है हसनैन के नाना है आवो दरें जहरा पर फैलाए होवे दामन ये नस्लें करीमो की लज पाल घराना है ये केह के दरे हक … Read more

Ek me hi nahi un par qurban zamana he

اک میں ہی نہیں ان پر قربان زمانہ ہے ۔ جو رب دو عالم کا محبوب یگانہ ہے کل جس نے ہمیں پُل سے خود پار لگانا ہے زہرہ کا وہ بابا ہے سبطین کا نانا ہے اُس ہاشمی دولہا پر کونین کو میں واروں جو حُسن و شمائل میں یکتائے زمانہ ہے عزت سے … Read more