ग़म सभी राहतो तसकीन में ढल जाते हैं
ग़म सभी राहतो तसकीन में ढल जाते हैं जब करम होता हे हालात बदल जाते हैं उनकी रेह़मत हे खतापोश गुनाह गारो की खोते सिक्के सरें बाज़ार भी चल जाते हैं इसमें रेहमत का वज़ीफा हे हर एक ग़म का इलाज लाख खतरे हो इसी नाम से टल जाते हैं अपनी आग़ोश में ले लेता … Read more