खुशरवि अच्छी लगी ना सरवरी अच्छी लगी

खुशरवि अच्छी लगी ना सरवरी अच्छी लगी हम फकीरो को मदीने की गली अच्छी लगी मैं ना जाऊंगा कही भी दर नबी का छोड़ कर मुझको कूए मुस्तफा की चाकरी अच्छी लगी रख दिए सरकार के क़दमो में सुल्तानों ने सर सरवरे कौनो मका की सादगी अच्छी लगी नाज़ करतु ऐ हलीमा सरवरे कौनेन पर … Read more