कादरी आस्ताना सलामत रहे

कादरी आस्ताना सलामत रहे
मुस्तफा का घराना सलामत रहे

पल रहे है जहा से ये दोनों जहा
वो सखी आस्ताना सलामत रहे

दर्द मंदो के सर पर है साया फ़िगन
आप का शामयाना सलामत रहे

तुमसे मंसूब है ज़िन्दगी का निसाब
हश्र तक ये फ़साना सलामत रहे

ये नकीरेंन बोले मुझे क़ब्र में
मुस्तफा का दीवाना सलामत रहे

हुक्म था के अदा हो नमाज़े पचास
आप का आना जाना सलामत रहे

इतराते फातिमा पर उजागर निसार
सय्यदा का घराना सलामत रहे

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