हर तरफ अनवार की बरसात है
आमदे सरकार की क्या बात है
रात जो गुजरी नबी के जिक्र में
दिन से बेहतर यह हमारी रात है
क्यों मैं मांगू जब मेरे कशकोल में
नक्शे नालें पाक की खैरात है
यूं तो गुंबद है जहां में हर जगह
गुंबदे खजरा तेरी क्या शान है
हिंदी में किसकी भी चलती नहीं
ख्वाजा अजमेर की सरकार
आ गया है अमीना बीबी का लाल
अब समझ लो सब का बेड़ा पार है
क्या बिगाड़ेगा जमाना अब हमारा
सर पे सब के पीर का जब हाथ है