Kahan main kahan madh-e-zat-e-girami Naat Lyrics

Kahan main kahan madh-e-zat-e-girami Naat Lyrics कहाँ मैं कहाँ मद्ह-ए-ज़ात-ए-गिरामी न ‘सा’दी’ न ‘रूमी’ न ‘क़ुदसी’ न ‘जामी’ पसीने-पसीने हुआ जा रहा हूँ कहाँ ये ज़बाँ और कहाँ नाम-ए-नामी सलाम उस शहंशाह-ए-हर-दो-सरा पर दरूद उस इमाम-ए-सफ़-ए-अंबिया पर पयामी तो बे-शक सभी मोहतरम हैं मगर अल्लह अल्लाह ख़ुसूसी पयामी फ़लक से ज़मीं तक है जश्न-ए-चराग़ाँ कि … Read more

Jitna Diya Sarkar Ne Mujh Ko Utni Meri Auqat Nahin Lyrics

Jitna Diya Sarkar Ne Mujh Ko Utni Meri Auqat Nahin Lyrics जितना दिया सरकार ने मुझ को उतनी मेरी औक़ात नहीं / Jitna Diya Sarkar Ne Mujh Ko Utni Meri Auqat Nahin जितना दिया सरकार ने मुझ को, उतनी मेरी औक़ात नहीं ये तो करम है उन का वर्ना मुझ में तो ऐसी बात नहीं … Read more

अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु

अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु अल्लाहु ये जमी जब न थी , ये जहा जब न था चाँद सूरज न थे , आसमा जब न था राजे हक़ भी किसी पर अया जब न था तब न था कुछ यहाँ … था मगर तू ही तू पोहचे मेअराज में अर्श तक मुस्तफा तब न मअबूद बन्दे में … Read more

इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा

इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा जो करम मुझ पे मेरे नबी कर दिया मैं सजाता हूँ सरकार की मेहफ़िलें मुझ को हर ग़म से रब ने बरी कर दिया इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा ज़िक्रे – सरकार की है बड़ी बरकतें मिल गई राहतें , अज़मतें , रिफ़अतें मैं गुनाहगार था … Read more

आका मदीना वाला आप बताओ

ऐ कज हसरत दिल मही ऐ कज छे अरमाश रे.. दर्शन जो आपे मने ऐ बे जगना सूल्तान दही सलामी शाह होने पढ़ी दुरूदे ताज रे.. चरनोमा सरकार ना ऐ करु निछावर जान आका मदीना वाला आप बताओ क्यारे बोलावशो आका क्यारे बोलावशो तैयबा नी याद माँ , दिलडु तड़पे छे क्यारे जोवडावशों आका क्यारे … Read more

کوئی سلیقہ ہے آرزو کا ، نہ بندگی میری بندگی ہےکوئ

کوئی سلیقہ ہے آرزو کا ، نہ بندگی میری بندگی ہے یہ سب تمھارا کرم ہے آقاﷺ کہ بات اب تک بنی ہوئی ہے   کسی کا احسان کیوں اٹھائیں کسی کو حالات کیوں بتائیں تمہی سےمانگیں گےتم ہی دو گے، تمھارے در سے ہی لو لگی ہے   عمل کی میرےاساس کیا ہے، بجز … Read more

Kab gunaho se kanara me karuga ya rab

*کب گناہوں سے کَنارا میں کروں گا یارب!* *نیک کباےمِرےاللہ!بنوںگایا رب!*   *کب گناہوں کے مَرض سے میں شِفا پاؤں گا* *کب میں بیمار، مدینے کا بنوں گا یارب!*   *گر ترے پیارے کا جلوہ نہ رہا پیشِ نظر* *سختیاں نَزع کی کیوں کر میں سہوں گا یارب!*   *نَزع کے وقت مجھے جلوۂ محبوب … Read more