जो हो चुका हे जो होगा हुजूर जानते हैं
तेरी अता से खुदाया हुजूर जानते हैं
वो मोमिनो कीतो जानो से भी करीब हुए
कहा से किसने पुकारा हुजूर जानते हैं
बरोज़े हश्र शफाअत करेगे चुन चुन कर
हर एक गुलाम का चेहरा हुजूर जानते हैं
पहुंच के सिदरा पे रुहुल अमीन यह बोले
के इससे आगे का रास्ता हुज़ुर जानते हैं
बुला रहे हैं नबी झाके इतना बोल उसे
दरख़्त कैसे चलेगा हुजूर जानते हैं
कहां मरेंगे अबू जहलो उतबा ओ शैबा
के जंगे बदर का नक्शा हुजूर जानते हैं
इसीलिए तो सुलाया है अपने पहलू में
कि यारेगार का रुतबा हुजूर जानते हैं
उमर ने तन से जुदा कर दिया था सर जिसका
वह अपना है कि पराया हुजूर जानते हैं
नबी का फैसला ना मानकर वह जान से गया
मिजाज़ उमर का है कैसा हुजूर जानते हैं
वही है पेकरें शर्मो हयाओ ज़ुन्नुरैन
मकाम उनकी हया का हुज़ुर जानते हैं
वह खुद शहीद है बेटे नवासे पोते शहीद
अली की शाने यगाना हुजूर जानते हैं
है जिसके मौला हुजूर उसके है अली मौला
अबू तुराब का रुतबा हुजूर जानते हैं
मैं उनकी बात करूं यह कहा मेरी औकात
के शाने फातिमा जहरा हुजूर जानते हैं
जन्नत में कौन है सरदार नौजवानों के
हसन हुसैन के नाना हुजूर जानते हैं
नहीं है ज़ादे सफर पास जिन गुलामों के
उन्हें भी दर पे बुलाना हुजूर जानते हैं
खुदा ही जाने उबेद उनको है पता क्या क्या
हमें पता है बस इतना हुजूर जानते हैं